
Vrindavan Widows Celebrated Green Diwali : विधवा औरतों ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का बखूबी पालन किया
Vrindavan Widows Celebrated Green Diwali : भगवान कृष्ण की नगरी वृंदावन में इस बार की दिपावली पूरे देश के लिए मिसाल बन गई .
शहर को प्रदूषण से बचाने के लिए यहां रह रही विधवा औरतों ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का बखूबी पालन किया.
गौरतलब है कि दिवाली के बाद होने वाले प्रदूषण से लोगों को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिशा निर्देश जारी किया था.जिसके तहत लोग सिर्फ रात 8 बजे से 10 बजे तक ही पटाखे जला सकते हैं,और वो भी सिर्फ ग्रीन पटाखे.
इस आदेश को गंभीरता से लेते हुए वृंदावनवासियों ने हरित दिवाली मनाने का फैसला किया.
एक प्राइवेट न्यूज एजेंसी ने वहां रह रही विधवा मनु घोष से बातचीत करी तो उन्होंने कहा हमने इस बार पटाखे और फुलझड़ी को छुए बिना दिवाली मनाने का फैसला लिया है.
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उन्होंने बताया कि सिर्फ वही नहीं बल्कि गोपीनाथ मंदिर में अन्य दूसरी विधवाओं ने भी इस बार मिट्टी के दीए जलाकर दिवाली मनाई है.
वहीं पास के आश्रम में 30 साल से रह रहीं ललिता अधिकारी और कनक लता ने भी बताया कि वे पटाखे रहित दिवाली मना रही हैं क्योंकि पटाखे जलाने से शोर-गुल और धुआं फैलते हैं जो उनके लिए गंभीर समस्या पैदा करते हैं.
उन्होंने आगे कहा कि भविष्य में भी हम पटाखे रहित दिवाली ही मनाना चाहते हैं. बता दें कि गोपनीनाथ मंदिर में सुलभ इंटरनेशनल की ओर से आयोजित हरित दिवाली कार्यक्रम में आसपास के आश्रमों से करीब 700 विधवाओं ने हिस्सा लिया.
400 साल पुराने इस मंदिर को दिपावली वाले दिन मिट्टी के दियों और फूलों से सजाया गया था. संध्या काल में इन विधवाओं ने वहां भजन कीतर्न भी किया.
सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक ने कहा कि इनके जीवन की सांझ वेला में खुशियों की किरणें लाने के लिए हमने अनोखे तरीके से दीपोत्सव का त्योहार मनाया.
